त्रिपुरारी पूर्णिमा

१८ नवम्बर २०२१ गुरुवार को त्रिपुरारी पूर्णिमा हैं ।

धर्म ग्रंथों के अनुसार,इसी दिन भगवान शिव ने असुरों के तीन नगर(त्रिपुर)का नाश किया था। इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। चूंकि त्रिपुरारी पूर्णिमा भगवान शिव से संबंधित है इसलिए इस बार ये शुभ योग आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है।

आपकी परेशानियां दूर कर सकते हैं ये उपाय:

  1. यदि विवाह में अड़चन आ रही है तो पूर्णिमा को शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाएं । जल्दी ही विवाह के योग बन सकते हैं ।
  2. मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं । इस दौरान भगवान शिव का ध्यान करते रहें । यह धन प्राप्ति का सरल उपाय है ।
  3. पूर्णिमा को २१ बिल्व पत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं । इससे आपकी इच्छाएं पूरी हो सकती है ।
  4. पूर्णिमा को नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं । इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा ।
  5. गरीबों को भोजन करवाएं ।इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी ।
  6. पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व ॐ नम: शिवाय का जप करें । इससे मन को शांति मिलेगी ।
  7. घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें व रोज उसकी पूजा करें । इससे आपकी आमदनी बढ़ाने के योग बनते हैं ।
  8. पूर्णिमा को आटे से ११ शिवलिंग बनाएं व ११ बार इनका जलाभिषेक करें । इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं ।
  9. शिवलिंग का १०१ बार जलाभिषेक करें । साथ ही महा मृत्युंजय ॐ हौं जूँ सः । ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात् । ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूँ हौं ॐ ।
  10. मंत्र का जप करते रहें । इससे बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है ।
  11. पूर्णिमा को भगवान शिव को तिल व जौ चढ़ाएं । तिल चढ़ाने से पापों का नाश व जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है ।

ॐ हौं जूँ सः । ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात् । ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूँ हौं ॐ ।

महा मृत्युंजय मंत्र

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