आज का सुविचार

दोस्ती काँच के एक बर्तन की तरह है,
यदि एक बार वह टूट जाये तो
दोबारा उसे औने मूल रूप
में लाना बहोत-बहोत मुश्किल होता है।

— दोस्ती

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