सावन सोमवार व्रत
सावन सोमवार व्रत दिन के तीसरे पहर यानी शाम तक रखा जाता है।
सुबह स्नानादि नित्य कर्म करने के बाद व्रत का संकल्प करना चाहिए। इसके बाद गंगाजल, बेलपत्र, सुपारी, पुष्प, धतूरा, दूवी आदि 16 संख्याओं से पूजन करनी चाहिए।
इसके साथ ही भगवान शंकर की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद व्रत कथा सुनना अनिवार्य माना गया है।
साथ ही शिव मंत्रों का जाप करें। ऐसे माना जाता है कि सावन मास के सोमवार व्रत करने से पूरे वर्ष के सभी सोमवार व्रतों का फल मिल जाता है।
व्रती को तीसरा पहर खत्म होने के बाद एक ही बार भोजन करना चाहिए। फिर रात्रि में जागरण करना चाहिए।
इसके बाद रात्रि के समय जमीन पर सोना चाहिए।
इस तरह से सावन के प्रथम सोमवार से लेकर अंतिम सोमवार इस व्रत का पालन करना चाहिए।
सिर्फ सावन सोमवार ही नहीं शिवजी से जुड़ी सभी व्रत तीन पहर तक ही किए जाते हैं।