राधे राधे आजका भगवत चिन्तन
जिन्दगी में मन लगाना है तो प्रभु में ही लगाना।
जिन्दगी में मन लगाना है तो प्रभु में ही लगाना। अन्यथा तुम अपूर्ण और अधूरे ही जियोगे और अधूरे ही जाओगे। ऐसा नहीं है कि मनुष्य पूर्ण होकर नहीं जी सकता। जी सकता है पर वह पूर्णता प्राप्त तो परमात्मा के संग से ही होगी।
परमात्मा के संग होने से असंभव भी संभव हो जाता है और संग ना होने से संभव भी असंभव हो जाता है। अर्जुन अकेला था तो उससे युद्ध में खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था।
जब श्री कृष्ण के संग होने का अहसास हुआ तो पूरा मैदान जीत लिया।
संग होने का अर्थ मात्र 24 घंटे राम-राम रटना या मंदिर में जाना नहीं है। यह तो सारी दुनिया कर ही रही है। यद्यपि यह भी आसान और सरल नहीं है।
फिर भी राम राम जपने के साथ ही भीतर ह्रदय में यह भाव दृणता के साथ बैठ जाना कि श्री हरि ही मेरे अपने हैं संसार में बस। अर्जुन की तरह सारथि बनालो श्रीकृष्ण को , अपने आप मंजिल तक ले जायेंगे।
जय श्री कृष्णा
जय जय श्री राम
आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,