हिंगलाज- सुभाषित
संस्कृत के सुभाषित
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम् ।
भक्तावासं स्मरेन्नित्यं आयुःकामार्थसिद्धये ॥
Sanskrit Subhashit with hindi meaning
भक्तके हृदयमें वास करनेवाले गौरी पुत्र विनायक को वंदन करने के पश्चात, दीर्घायु , सुख -समृद्धि एवं सर्व इच्छा पूर्ति हेतु उनका अखंड स्मरण करना चाहिए ।