राधे राधे आजका भगवत चिन्तन

हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर!

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

हे जगत के नियंता! हे जगदीश्वर! हम आपके कल्याणमय तेज स्वरुप का ध्यान धरते है और याचना करते है कि हमे ऐसी मानसिक सामर्थ्य प्रदान करें कि हम हमेशा आपके ही नियमों पर चलते रहें।आलस्य व् प्रमाद हम पर कभी हावी न हो।

आपके कल्याणमय चरणों पर हमारी दृष्टि सदा लगी रहे। संसार के नियमों का पालन करते हुए हम आपकी प्रेम की डोर से हमेशा बंधे रहे। प्राणी मात्र से प्रेम कर सके ऐसी करुणा देना।

हे मेरे प्यारे प्रभु! हमे दुःखो से,कष्टों से मुक्त करें किन्तु अपने प्रेम बंधन से हमे अलग न होने दे।

हे प्रभु! न जाने कितने जन्मों तक भटकने के बाद आपकी कृपा से यह मनुष्य जन्म मिला है। मोह ममता के कारण अनेक योनियों से गुजरना पड़ा है।

अब वैराग्य जागृत कर दीजिये। हमें ऐसा ज्ञान और विवेक प्राप्त हो जिससे हम अपने कर्तव्यों को तो निभायें लेकिन मोह-ममता हमारे मन में जागृत न हो।

हे परमात्मन! अपनों के प्यार में पड़कर हम कोई भुल न करें!भले ही अपने संबधियों को ज्यादा सुख-सुविधाएँ न दे सके,पर अच्छे संस्कार और मर्यादा जरूर देकर जायें।

हे भगवन! ये दुनिया हमसे छूट जाये पर आपका धाम हमें प्राप्त हो जाये। इस जन्म में ही मुक्ति मिल जाये। यही हमारी आपके श्रीचरणों में प्रार्थना है,इसे स्वीकार करें।

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

जय जय श्री राम

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

90 ÷ 15 =