राधे राधे आजका भगवत चिन्तन

कृष्ण तत्व

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

स्पष्ट शब्दों में कहें तो जीवन की समग्रता ही श्री कृष्ण है। इसलिए ही हमारे शास्त्रों ने भगवान श्री कृष्ण को सोलह कलाओं से परिपूर्ण बताया। श्रीकृष्ण होना जितना कठिन है श्रीकृष्ण को समझना उससे भी कहीं अधिक कठिन है।

श्री कृष्ण के ऊपर केवल एक पक्षीय चिंतन नहीं होना चाहिए। कुछ लोगों द्वारा उन योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के केवल एक पक्ष को जन मानस के समक्ष रखकर उन्हें भ्रमित किया जाता है। श्रीकृष्ण समग्र हैं तो उनके जीवन का मुल्यांकन भी समग्रता की दृष्टि से होना चाहिए, तब कहीं जाकर वो कुछ समझ में आ सकते हैं।

कृष्ण विलासी हैं तो महान त्यागी भी हैं। कृष्ण शांति प्रिय हैं तो क्रांति प्रिय भी हैं। कृष्ण मृदु हैं तो वही कृष्ण कठोर भी हैं। कृष्ण मौन प्रिय हैं तो वाचाल भी बहुत हैं। कृष्ण रमण विहारी हैं तो अनासक्त योग के उपासक भी हैं।

श्रीकृष्ण में सब है और पूरा पूरा ही है। पूरा त्याग-पूरा विलास। पूरा ऐश्वर्य-पूरी लौकिकता। पूरी मैत्री – पूरा बैर। पूरी आत्मीयता – पूरी अनासक्ति।

जिस प्रकार दीये द्वारा दिवाकर का मुल्यांकन नहीं हो सकता, उसी प्रकार तुच्छ बुद्धि से उस समग्र चेतना का मुल्यांकन भी नहीं हो सकता क्योंकि कृष्ण सोच में तो आ सकते हैं मगर समझ में नहीं। जिसे सोचकर ही कल्याण हो जाए उसे समझने की जिद का भी कोई अर्थ नहीं। भजो रे मन गोविंदा…….

जय श्री कृष्णा

जय जय श्री राम

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 + 5 =

%d bloggers like this: