बुध
बुध – Mercury (Rajsik, earthy, shudra)
मित्र | सूर्य, शुक्र। |
शत्रु | चंद्रमा। |
सम | मंगल, गुरु, शनि। |
अधिपति | मिथुन, कन्या। |
मूलत्रिकोण | कन्या 15° – 20° |
उच्च | कन्या 15° |
नीच | मीन 15° |
कला/किरण | 8/10 |
लिंग | पुलिंग नपुंसक। |
दिशा | उत्तर। |
शुभ रंग | भूरा, हरा, रंगीन। |
शुभ रत्न | पन्ना, सुलेमानी (5 कैरेट शुद्ध चांदी में, दाएं हाथ की दूसरी या चौथी उंगली में)। |
शुभ संख्या | 5, 14, 23. |
देवता | विष्णु, नारायण। |
बीज मंत्र :
ऊँ भ्राम् भ्रीम् भौम् से बुधाए नम:। (21 दिन में 19000 बार)।
वैदिक मंत्र :
प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्। सौम्यम् सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणामाम्यहम्।।
दान योग्य वस्तुएं :
चीनी, मूंग, तारपीन का तेल, हरा कपड़ा, हरा फूल, हांथी दंत, कपूर (बुधवार के दिन सूर्यास्त से दो घंटे पहले)।
स्वरूप :
विनम्र वक्ता, पित्त ग्रस्त, सुगठित व विशाल शरीर, बुद्धि व हास्य की ओर झुकाव, वातरोगग्रस्त।
त्रिदोष व शरीर के अंग :
त्वचा, जांघ, कफ, वात, पित्त, गुदा, तंत्रिका तंत्र।
रोग :
मानसिक रोग, टायफायड, ज्वर, मस्तिष्क एवं मुखर अंगों के विकार, बवासीर, गर्दन संबंधी रोग, खसरा, यकृत, तंत्रिका अवसाद, सिर चकराना, पेट, आँख, गला व नाक के विकार, सफेद कोढ़, हड्डी टूटना, बदहजमी, हकलाना, अत्यधिक पसीना आना, विषाक्तता, फोड़ा, आंत संबंधी समस्याएं, नपुंसकता।
प्रतिनिधित्व :
भाषण, बुद्धि, तक्र, धातु मूल जीव का मिश्रण।
विशिष्ट गुण :
बन्धु कारक, विद्या कारक, जनन कारक।
कारक :
मित्र, मामा -मामी, मौसा -मौसी, दत्तक पुत्र, भतीजा/भांजा, बड़ा सहोदर भाई/बहन, बुद्धिमता, शिक्षण, शिक्षा, वेद, पुराण, व्यवसाय, व्यापार, गणित, लेखाशास्त्र, वैज्ञानिक अध्ययन, काला – जादू, क्लर्क, मोती, हांस्य, सुगंध, फूल, भाषण, मुद्रक, प्रकाशक, कस्तूरी, भेंगी आँख, वाक्पटुता, निपुणता।
व्यवसाय व जीविका :
मुनीम, चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यवसाय, जौहरी/मणि ढउंपसजवरूजौहरी/मणिझ परीक्षक, विज्ञापक, पुस्तकालय, अखबार, प्रकाशक, लेखन -सामग्री, पुस्तक विक्रेता, प्रतिलिपिकार, लेखक, साहित्यकार, शिक्षाशास्त्री, शिक्षक, ज्योतिषी, लेखा परीक्षक, डाकिया, पत्रकारिता, चिकित्सक, गणितज्ञ, च्-ज् विभाग, सलाहकार, शिल्प, कानून, व्यापार, परिवहन, यात्री, वाहन चालक क्लर्क, मध्यस्थ/पंच। बृहस्पति (सात्विक, प्रज्वलित, शुभ)