हिंगलाज- सुभाषित
संस्कृत के सुभाषित
नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं।
गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥
Sanskrut Subhashit with hindi meaning
मैं उन भगवान् गजानन की वन्दना करता हूँ, जो समस्त कामनाओं को पूर्ण करनेवाले हैं, सुवर्ण तथा सूर्य के समान देदीप्यमान कान्ति से चमक रहे हैं, सर्पका यज्ञोपवीत धारण करते हैं, एकदन्त हैं, लम्बोदर हैं तथा कमल के आसनपर विराजमान हैं ।