शनि
शनि – Saturn (Tamsik, airy, outcaste)
मित्र | बुध, शुक्र |
शत्रु | सूर्य, चंद्रमा, मंगल। |
सम | बृहस्पति। |
अधिपति | मकर,कुम्भ। |
मूलत्रिकोण | कुम्भ 1°-20° |
उच्च | तुला 20° |
नीच | मेष 20° |
कला/किरण | 1/16. |
लिंग | स्त्रीलिंग,नपुंसक। |
दिशा | पश्चिम। |
शुभ रंग | ग्रे, गहरा नीला, काला। |
शुभ रत्न | नीला नीलम, बिल्लौर/फिरोजा, (स्टील या पंचधातु में 5 से 7 कैरेट का, मध्यमा उंगली में) |
शुभ संख्या | 8, 17, 26. |
देवता | ब्रह्मा, शिव (महामृत्युन्जय जाप)। |
बीज मंत्र :
ऊँ प्राम् प्रीम् प्रौम् से शनाए नम:। (23000 बार)।
वैदिक मंत्र :
नीलांजन समाभासं रवि पुत्र यमाग्रजम्। छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
दान योग्य वस्तुएं :
लोहा, काली गाय या घोड़ा, काले कील, काला कपड़ा, काला फूल, मैश दाल, कस्तूरी। (शनिवार के दिन दोपहर के समय)
स्वरूप :
लम्बा व पतला शरीर, पीली व धंसी हुई आँखे, चौड़े व बड़े दांत, बड़े व सख्त नाखून, सुस्त, वातरोगी, सख्त व उलझे हुए बाल।
त्रिदोष व शरीर के अंग :
वात, पित्त, सिर, गर्दन, दांत, हड्डी।
रोग :
मानसिक पतन, वातरोग, कैंसर, ट्यमर, पेट, गैसीय परेशानी, खट्टी डकारें, दांतों की समस्या, लकवा, बहरापन, अंगों की हानि, दर्द, मिर्गी, कटना, ग्रंथियों के रोग, चिरकालिकता, चोट के निशान।
प्रतिनिधित्व :
मोक्ष कारक, दुख, लोकतंत्र, देरी, अवरोध, मुसीबत।
विशिष्ट गुण :
कंजूस ग्रह, तक्र का ग्रह, दर्शन, नपुंसकता, सन्यास, ठंडा – बर्फीला ग्रह, विनाशकारी बल, गोपनीय, बंजर।
कारक :
छोटा सहोदर भाई/बहन, धैर्य, मृत्यु, बुढ़ापा, पाप, आलस्य, यम, मुसीबत, गरीबी, त्याग, नौकरी, नौकर, दासता, गुलामी, कार्यकर्ता, अछूत, इमारती लकड़ी, पैर, विलम्ब, रूकावट, उंचाई से गिरना, दरीद्रता, रोग, राख, जहर, लकड़ी, उन, उदासी, तीर्थायात्रा, जमीन, दीर्घायु, सरकार से शत्रुता, काले अनाज, आवास के लिए विदेश यात्रा, कृषि, भय, तेल, खनिज, दैवीप्रकोप, अस्त्र – शस्त्र, अपमान, विकलांगता, लूटपाट, सन्यास।
व्यवसाय व जीविका :
सभी प्रकार के जिम्मेदारीपूर्ण काम, दंड से जुडे़ हुए कार्य, जुए का अड्डा, ड्राइवर, कूली, निर्माणकर्ता, नौकर, दास वर्ग/शूद्र, कठिन परिश्रम वाले कार्य, सेवा व शारीरिक कार्य, ईंट, शीश व टाईल्स का कारखाना, जूते – चप्पल, तेल निकालना, सरकारी नौकरी, लोहा व इस्पात का काम, बढ़ईगीरि, गहन ध्यान व व्यापक अध्ययन से संबंधित मामले, लकड़ी व पत्थर का काम, इमारत निर्माण, धोखा, भिखारी, जल्लाद, योगी, वेश्यालय, काला जादू व कला, छाता, राजमिस्त्री, कृषि औजार, खान मजदूर, ठेकेदार।