हिंगलाज- सुभाषित

Subhashitani Sanskrutam

संस्कृत के सुभाषित

द्वविमौ ग्रसते भूमिः सर्पो बिलशयानिवं।
राजानं चाविरोद्धारं ब्राह्मणं चाप्रवासिनम्॥

Sanskrit Subhashit with hindi meaning

जिस प्रकार बिल में रहने वाले मेढक, चूहे आदि जीवों को सर्प खा जाता है, उसी प्रकार शत्रु का विरोध न करने वाले राजा और परदेस गमन से डरने वाले ब्राह्मण को यह समय खा जाता है ।

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× 8 = 48