राधे राधे आजका भगवत चिन्तन

कृष्ण तत्व

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

भगवान श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाएं और उनमें एक प्रमुख लीला है कालिया नाग नाथन लीला। आज इसी कालिया नाग नाथन लीला का रहस्य प्रकट करने का प्रयास करते हैं। आखिर वो श्रीकृष्ण हम आप सबको इस लीला के माध्यम से क्या संदेश देना चाहते हैं..?

प्रभु ने जितने भी असुरों, दानवों, विधर्मियों से युद्ध किया लगभग सभी का मान मर्दन करके उनका वध भी किया है। लेकिन कुछेक को उन श्रीकृष्ण ने मान मर्दन करके छोड़ दिया जैसे कि कालिया नाग को।

कालिया नाग जीव की तृष्णा और वासना का प्रतीक है। माँ यमुना जीवन का तो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण विवेक के प्रतीक हैं।

कालिया नाग ने पूरे यमुना जल को अपने जहर से दूषित कर दिया था। अर्थात मनुष्य की तृष्णाओं, मनुष्य की वासनाओं के विष के द्वारा उसका पूरा जीवन दूषित हो जाता है।

भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि तृष्णा का भी जीवन में अपना महत्व होता है इसलिए उन्हें मारना उपाय नहीं अपितु मोड़ना एक मात्र उपाय है।

अपने विवेक का प्रयोग करके विवेकपूर्ण तरीके से तृष्णा से अथवा वासना से युद्ध अवश्य करो लेकिन उसे मारो नहीं अपितु मोड़ो! तृष्णा को राममय बनाओ काममय नहीं!

तृष्णा से कृष्णा, काम से राम और वासना से उपासना की ओर गति ही भगवान श्रीकृष्ण की कालिया नाग मान मर्दन लीला का संदेश है।

जय श्री कृष्णा

जय जय श्री राम

आज का भगवद चिन्तन, भगवद चिन्तन, भगवत चिन्तन,आज का भगवत चिन्तन,राधे राधे,Aaj Ka Bhagwat Chintan,Aaj Ka Bhagwad Chintan,bhagvat katha, bhagvad katha,bhagvad gita,bhagvat geeta,

You may also like...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

47 + = 55